शालीमार बाग मुगल कालीन के समय की वास्तुकला का एक अदभुत नमूना है। इस सुन्दर बाग को जहांगीर ने बनवाया था यह बाग प्रेम का अदभुत प्रतीक है यहां जगह जगह पर प्यार भरा हुआ है। यह शालीमार बाग श्रीनगर से लगभग 15 किमी0 की दूरी पर है और बुलेवर्ड रोड पर पडता है। इस बाग में बहुत से चबूरते और बाराही दरी है।
बाग के मध्य में एक नहर बहती है जिसमें बहुत सारे फव्वारे लगे है अलग अलग किश्म के बहुत सुन्दर फूल सारे बाग में लगे है। चिनार के पेड और फलदार पेड भी इस बाग में लगे है। लोगो का मानना है कि जहांगीर अपनी पत्नी नूरजहां के साथ गर्मी के समय में यहां तीन चार महीने का समय व्यतीत करते थे।
इस बाग के पीछे जबरवान पर्वत है और आगे डलझील का अन्तिम भाग, काफी समय पहले लोग यहां शिकारे के द्वारा भी आते थे। लेकिन अब नहर का पानी बन्द होने कारण पर्यटक बस, टैक्सी या टाटा सूमो के द्वारा यहां पहुंचते है।
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